हर रिश्ते की कुछ सीमाएं होती हैं..उसे ना तोड़े
जब भी रमेश की पत्नी गीता रमेश के साथ मायके जाने की बातें करती थी तो रमेश भी रोमांचित हो जाता.. रोमांचित होने का कारण था जवानी की दहलीज पे पैर रखती हुई उसकी खुबसुरत साली निशा... साली के साथ होने वाले रोमान्टिक बातें और उसकी मुस्कान उसे बेहद पसंद थे... रमेश और गीता ससुराल पहुँच गए गीता जहां रिश्तेदारों से बातचीत के लिए कहीं निकल पड़ी वही रमेश अकेलेपन का फायदा लेते हुए साली के पास पहुँच गया और उसके साथ बतियाने लगा..
वह साली के मंद मुस्कान और खुबसुरत चेहरे पर फिदा हो चुका था.. खुद को संभाल नहीं पाया और मौका देखते ही निशा के गाल पे एक चुम्बन जड़ दिया.. जबाब मे निशा ने मुस्कुराते हुए कहा- जीजू बहुत दिनों से आप को कुछ बोलना चाहती थी.. आज मौका मिल गया, कह दूं.. रमेश उत्साहित दिख रहा था उसे लगा, शायद निशा भी वही चाहती होगी जो वह चाहता है तो खुश होते हुए बोला- बताओ क्या बात है...
निशा ने कहा- जीजू... अगर आपकी ये हरकत दीदी देख लेती तो उसे कैसा लगता... वह कितना टूट जाती... कभी सोचा है आपने इस बारे में रमेश ने किंचित भी डगमगाए बिना बोल दिया- “अरी पगली, तुम तो मेरी साली हो - वह कहते हैं ना कि साली आधी घरवाली होती है यह सब तो तुम्हारी दीदी के साथ होते हुए थोड़े ही होगा... निशा -जी... बोलते तो है वैसे कहने वाले तो यह भी कहते हैं कि साली को फुसलाने की भी जरूरत नहीं पड़ती.... निशा ने नजरें चुराते हुए कहा... रमेश रोमांचित हो रहा था...
निशा ने फिर से उस से अनुरोध की- “सुनिए जीजू, एक और बात भी बोलना चाहती थी पर हिम्मत नहीं जुटा पाई... आज शायद मौका हाथ में है... “बोलो ना...रमेश सुनने को आतुर था... निशा ने नजदीक आते हुए कहा- “मैं ठहरी आपकी इकलौती साली...और आप मेरे इकलौते जीजू... मगर सोचती हूं जब मुझे सिर्फ एक जीजू को झेलना इतना कठिन है तो बारी-बारी से घर में आने वाले पाँच-पाँच जीजाओं को झेलना .... आपकी सब से छोटी बहन मीनू को कितना कठिन लगता होगा ..क्यो जीजू....?
निशा के मुंह से ये सुनकर रमेश का सिर शर्म से झुक गया दोस्तों , साली से हंसी मजाक एक सीमा तक ही कीजिए याद रखिए वो भी किसी की बेटी है बहन है ..जैसे आपकी बहन है बेटी है .....
दोस्तों स्त्री कोई खिलौना नही है उसे सम्मान दीजिए
एक अच्छा इंसान बनकर।।