कला केवल यथार्थ की नक़ल का नाम नहीं है !
कला दिखती तो यथार्थ है पर यथार्थ है पर यथार्त होती नहीं !
उसकी खूबी यहीं है की यथार्थ मालूम हो !
मुंशी प्रेमचंद के अनमोल वचन और सुविचार वो भी
हिंदी में सिर्फ और सिर्फ पोएट्री तड़का डॉट कॉम पर !!
from : Munshi Premchand