Poetry Tadka

Dya jaisa koi puny nahi

संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है  संतोष जैसा कोई सुख नहीं है लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है !!