एक सिलसिले की उम्मीद थी !
जिनसे वही फ़ासले बनाते गये !
हम तो पास आने की कोशिश में थे !
ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये !!
from : Hindi Quotes