मुस्कुरा लूँ जरा
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जिन्दा रहने की तमन्ना तमाम हुई
फिर भी तेरी यादो के सहारे जी लूँ जरा ''
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फरेब इश्क में तुमने किससे सीखा
इन मरते हुए जज्बातों को बचा लूँ जरा
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वफ़ा तुम मेरी सम्भाल नही पाये ''
सोचता हूँ कि ये जहर भी पी लूँ जरा ''
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प्यास मन की क्या पूरी होगी कभी ''
ख्वाहिशो की शिकायत को मिटा लूँ जरा
''.
दिल लगाने की सजा देकर खुश हो
'' मरहम मिले तो ये जख्म भी सी लूँ जरा
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झूठ भी बोलना नही आता तुम्हे '' बरसात से गिरते आँसू को बहा लूँ जरा
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तोहफा जुदाई का भी मंजूर है मुझे ''
अपनी दुआओ से भी उसे हटा लूँ जरा ''
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मेरा आँगन है वीरानगी के साये में ''
बहार को लगी पराई नजर अपना लूँ जरा
.''
महफ़िल गुलजार है उसकी खूबसूरती से
'' आईना सच का दुनिया से छुपा लूँ जरा
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रंग मेरे मिजाज का है बदला-बदला सा ''
मजहब मुहब्बत का उसको बता लूँ जरा ''
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दुहाई भी देते हो जमाना क्या कहेगा ''
तुम आओ तो इन्हें ठोकर पे रख लूँ जरा ''
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दिल्लगी के लिए इश्क न करना ''
शहर न छोड़ने के लिए उसे मना लूँ जरा ''
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हसरत नही अब मेरी हमसफ़र की ''
बिखरे हुए अपने अक्स को सँवार लूँ जरा''
मुस्कुरा लूँ जरा
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from : Life Quotes