रोकते क्यो हो जाम मे भर कर खून ऐ जिगर का पिने दो
तेरे दिऐ हूऐ जख्मो को अपने हाथो से सिने दो
तूम रहो खूश गैरो की रगीन महफिल मे जालिम
मूझे यू ही तेरी याद मे तड़प तड़प के मरने दो !!
from : Sad Poetry in Urdu