Mil gya inam
मुझे चाहतों का मिल गया ईनाम है !
डरा-डरा सा हर ख्वाब का पैगाम है !
अरमान कुचल रहे हैं दर्द के कदम से !
किसी की याद में मयकशी हर शाँम है !!
मुझे चाहतों का मिल गया ईनाम है !
डरा-डरा सा हर ख्वाब का पैगाम है !
अरमान कुचल रहे हैं दर्द के कदम से !
किसी की याद में मयकशी हर शाँम है !!