मेरी धुंधली शामें मुझ से मुंह मोड़ती हैं
मेरी पुरानी यादे मुझ से नाता तोड़ती हैं
अब तुझ से क्या बताऊँ ये तन्हा रातें
मेरा कत्ल करने को दौड़ती हैं
from : Purani Yaadein Shayari