एक बचपन का जमाना था !
जिसमें खुशियों का खजाना था !
चाहत चाँद को पाने की थी !
पर दिल तितली का दीवाना था !!
खबर ना थी कुछ सुबह की !
ना शाम का ठिकाना था !
थक हार के आना स्कूल से !
पर खेलने भी जाना था !!
परियों का फसाना था !
बारिश में कागज की कश्ती थी !
हर मौसम सुहाना था !
हर खेल में साथी थे !
हर रिश्ता निभाना था !!
गम की जुबां ना होती थी !
ना जख्मों का पैमाना था !
रोने की वजह ना थी !
ना हँसने का बहाना था !!
क्यूँ हो गये हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो
"बचपन का जमाना था !!
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