दिल टूटने पर भी जब कोई शिकवा ना रहे
चाहे साथ निभाने को कोई मितवा ना रहे
जमाने भर का गम जब हसके सहते है
चाहत के इसी अहसास को प्यार कहते है !!
from : Sad Poetry and Poems in Urdu