सब तरहे क सिकवा सह लेही लाजिनगी य़ेही तरे जी लेही ला..!मिला लेही ला हाथ जेसे दोस्ती कओइ हाथ से फिर जहरो पीये पड़ेला !!
from : Bhojpuri Shayari