जिनिगी अब पहाड़ जइसन लागे लगल बा सुखला में बाढ़ जइसे लागे लगल बा..! कुछुओ कहाँ बा आपन अब, सब झूठीये के भरम बा साँसो अब उधार जइसन लागे लगल बा !!
from : Bhojpuri Shayari