जाने क्यों, वो मेरी उमीन्द की डोर टूटने नही देता,
बस और दो कदम साथ चलने का वास्ता देकर,
वो मुझे रुकने नही देता
बात करता है, वो हंस-हंस कर, खुश रहने की
वास्ता देकर अपनी खुशी का, वो मुझे रोने नही देता.
बढाता है होंसला मेरा, की हर पल मेरे साथ है,
वास्ता देकर अपने साथ का, वो कभी मुझे अकेला होने नही देता
from : Great shayari in Hindi