बेहतरीन हिन्दी शायरी | Great shayari | बेहतरीन शेर
तन्हाई की दीवारो पे घुटन का पर्दा झूल रहा है...
बेबसी की छत के नीचे,कोई किसी को भूल रहा है
कुछ कहानियाँ अक्सर अधूरी रह जाती है,
कभी पन्ने कम प़ड़ जाते है तो कभी स्याही सूख जाती है
चलो कुछ देर बैठें दोस्तों में ग़म जरूरी हैं,
ग़ज़ल के वास्ते थोड़ा मसाला ले लिया जाए
न जाने कैसा मौसम हो दुशाला ले लिया जाए,
उजाला मिल रहा है तो उजाला ले लिया जाए
अब अँधेरा मुस्तक़िल रहता है इस देहलीज़ पर,
जो हमारी मुन्तज़िर रहती थी आँखें बुझ गए
तुम अपने चाहने वालों की बात मत सुनियो ..
तुम्हारे चाहने वाले दिवाने हो गए
बदले तो नहीं हैं वो... दिल-ओ-जान के करीने,
आँखों की जलन, दिल की चुभन अब भी वही है