Poetry Tadka

Ahmad Faraz Shayari

तमाम उम्र उसके ख्याल मेँ गुजार दी यारो !
मेरा ख्याल जिसे उम्र भर नहीं आया !!

Tamaam Umar

उँगलियाँ आज भी इस सोच में गुम हैं फ़राज़ !
उसने कैसे नए हाथ को थामा होगा !!

Usne Kaisey Naye haath

Usne Kaisey Naye haath
मोहब्बत मिली तो नींद भी अपनी न रही फराज !
गुमनाम ज़िन्दगी थी तो कितना सुकून था !!

Gumnaam Zindagi thi