कौन फिरता है दर बदर मुझमे. मुझको मुझमे जगह नहीं मिलती, वह जो मौजूद है इस क़दर मुझमे.
खामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू, हम किससे करें बात कोई बोलता नहीं.
मैंने आंखों में झांकना चाहा उसने दिल में उतारी आँखें.
from : Love Shayari in Hindi