Thokar insan ko chalna sikhati hai
मजिल इन्सान के हौसले आजमाती है !
सपनों के परदे आँखों से हटाती है !
किसी भी बात से हिम्मत मत हारना !
ठोकर ही इन्सान को चलना सिखाती हैं !!
मजिल इन्सान के हौसले आजमाती है !
सपनों के परदे आँखों से हटाती है !
किसी भी बात से हिम्मत मत हारना !
ठोकर ही इन्सान को चलना सिखाती हैं !!