सुबह शाम तेरी चाहत करूँ , तुझसे ना कभी कोई शिकायत करूँ, तेरे हसीं लबों पे यूं ही मुस्कान बरक़रार रहे सदा, मुझमे समाये रहो मेरी धड़कन बनकर, चाहकर भी तुझको खुद से जुदा ना करूँ ॥ ” सुप्रभात “
from : Suprabhat Shayari