खुद को औरों की तवज्जो का तमाशा न करो,
आइना देख लो अहबाब से पूछा न करो,
शेर अच्छे भी कहो, सच भी कहो, कम भी कहो,
दर्द की दौलत-ए-नायाब को रुसवा न करो
from : Dil Ko Chu Jane Wali Shayari