अपनी तनहाई तेरे,नाम पे आबाद करे
कौन होगा जो तुझे मेरी तरह याद करे
इस अंजुमन की रौनके बहार तुम्ही से है
इस बेकरार दिल का करार तुम्ही से है...
ढूंढा किये जिसे पूरी कायनात में हम
वो शख्स तुम्ही हो, हमें प्यार तुम्ही से है
वक्त के साथ इश्क बढ़ता चला जाता है...
सफर आँखों से शुरू होकर रूह में उतर जाता है
दिन तो कट जाता है शहर की रौनक में...
कुछ लोग याद बहुत आते है दिन ढल जाने के बाद