Apni Bechaini Ko Hawa Me Udaa Deta Hu
Aur Log Kehte Hai Me Cigarette Bohot Pita Hu.
अपनी बेचैनी को हवा में उड़ा देता हु
और लोग कहते है में सिगरेट बोहोत पीटै हु.
कोशिश बहुत की कि
राज-ऐ-मोहब्बत बयाँ ना हो
मुमकिन कहाँ था कि
आग लगे और धुंआ ना हो
Koshish Bahot Kiya Ki
Raaj-E-Mohabbat Bayaan Na Ho.
Mumakin Kahaan Tha Ki
Aag Lage Aur Dhuan Na Ho.
तुझे सुलगा के सिगरेट में मैं तेरे कश लगाता हूँ
धुआं जब मेरे होंटों से निकल कर रक़्स करता है
मेरे चारों तरफ कमरे में तेरा अक्स बनता है
आँखो की जुबान वो समझ नहिं पाते
होंठ है मगर कुछ केह नही पाते
अपनी बेबसी कीसे बताए यारों
कोई है जिनके बीना हम रेह नही पाते.
Aankho Ki Zuban Wo Samajh Nahin Pate.
Honth Hai Magar Kuchh Kah Nahin Pate.
Apni Bebasi Kise Batayen Yaaro.
Koi Hai Jinake Bina Ham Rah Nahi Pate.
सिगरेट जलाई थी तेरी याद भुलाने को
मगर कम्बखत धुंए ने तेरी तस्वीर बना डाली