हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब,
हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी !!
गमंडी लड़किया मुझसे दूर ही रहे क्यूंकि,
मनाना मुझे आता नहीं और भाव में किसी को देता नही !!
ज़मीं पर रह कर आसमां को छूने की फितरत है मेरी,
पर गिरा कर किसी को ऊपर उठने का शौक़ नहीं मुझे !!
तेरे पप्पा से केह दे कभी हमारा
इलाक़ा घुमकर देखे, सिर्फ नाम ही काफ़ी है उनके जमाई का !!