हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब
हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी
गमंडी लड़किया मुझसे दूर ही रहे क्यूंकि
मनाना मुझे आता नहीं और भाव में किसी को देता नही
ज़मीं पर रह कर आसमां को छूने की फितरत है मेरी
पर गिरा कर किसी को ऊपर उठने का शौक़ नहीं मुझे
तेरे पप्पा से केह दे कभी हमारा
इलाक़ा घुमकर देखे सिर्फ नाम ही काफ़ी है उनके जमाई का
प्यार आज भी तुझ से उतना ही है
बस तुझे एहसास नही और हमने जताना भी छोड़ दिया
दो हाथ से हम पचास लोगों को नही मार सकते
पर दो हाथ जोङ कर हम करोङो लोगों का दिल जीत सकते है
अरे पगली मेरा तो 4 से भी जादा फ़ास्ट है
एक बार करके तो देख बिना लिए सीधे दिल मे उतर जाऊंगा
सुन पगली अगर तू अपने पापा की होगी
तो हम भी अपनी माँ_के_लाल है
मेरे पास कहने वाली नहीं है तो क्या हुआ
मेरे पास राजा बीता कहने वाली माँ तो है
जो मुझसे बहोत प्यार करती है
ज्यादा बनने की कोशिश मत कर पगले क्योंकि
मेरे बाल भी तेरे औकात से लंबे है
उसने मुझसे पूछा चाहोगे मुझे कब तक
मैंने भी मुस्कुरा के कह दिया बेवफा न हो जब तक
धोखा देने की बात मत कर पगली यहाँ मन्नत पूरी ना
होने पे लोग भगवान बदल देते है तो तू क्या चीज है