मेरे अजीजों, मेहरबानो नया साल मुबारक हो!
माजी की बात छोडिये अब हाल मुबारक हो !!
हमको आगे बढ़ना है, हमको आगे बढ़ना है,
ज़ेहन में घूमता एक यही ख्याल मुबारक हो!
गुज़श्ता साल तो गया भाग दबे पाँव,
अब तो नये साल की नयी चाल मुबारक हो !
नये साल में सबको खुशियाँ ही नसीब हो,
रहो दौलत-ए-मसर्रत से मालामाल मुबारक हो!
बतौर शायर "कमल" की दुआ ये है ,
आशिक को दीवानगी, हसीना को जमाल मुबारक हो!
(अजीज=प्रिय, माजी=भूत काल, हाल=वर्तमान काल, ज़ेहन=मस्तिष्क, गुज़श्ता=व्यतीत,दौलत-ए-मसर्रत=प्रसन्नता रुपी धन, जमाल=सौन्दर्य)
नया सवेरा नयी किरण के साथ,
नया दिन एक प्यारी सी मुस्कान के साथ,
आपको नया साल मुबारक हो ढेर सारी दुआओं के साथ....
नव वर्ष की मंगल कामना...!!!