Bahut nazar andaz karne lage ho
बहुत नज़र अंदाज़ करने लगे हो मुझे, बाज आ जाओ वरना इन्ही नज़रों से ढूढ़ते रह जाओ गे
Tum they to
तुम थे तो कहीं वक़्त थराता हे नहीं था, अब वक़्त गुजरने में बहुत वक़्त लगता है
Ye shardi
लिपट जाओ मेरी बाँहों में की शाम दिसम्बर है, ये शर्दी कहीं तुमको बीमार न करदे
Mausam badal raha hai
मौसम बदल रहा है अपना ख्याल रखना दोस्त, क्योंकि बदलते मौसम और बदलते लोगो बहुत तकलीफ देते हैं
Mausam Sayari
तब्दीली जब भी आती है मौसम की अदाओ मे...
किसी का यूं बदल जाना याद आता है....