सिवाय नज़रअंदाज़ करने के.
किसी को इतना इग्नोर न करो,
की वो तुम्हें मानाने के बजाये
तुम्हारे बिना रहना सीख ले.
सी, इग्नोर, लेट रिप्लाई....
बस यही चीज़ें इंसान को तोड़ देती हैं.
हम जिनसे प्यार करते है
उनका "गुस्सा" और "नाराज़गी"
देखा जा सकता है लेकिन इग्नोरेंस नहीं..
बहुत नज़र अंदाज़ करने लगे हो मुझे,
बाज आ जाओ वरना, इन्ही नज़रों से ढूढ़ते रह जाओ गे
बहुत नजर अंदाज करने लगे हो अब तुम,
लगता हैं कोई नया आ गया हैं ज़िन्दगी में.