मैंने कब कहा...तू मुझे गुलाब दे...
या फिर अपनी ....मोहब्बत से नवाज़ दे...
आज बहुत उदास है....मन मेरा.....
गैर बनके ही सही.....तू बस मुझे आवाज़ दे...!!
गुलाब खिलते रहे ज़िंदगी की राह् में,
हँसी चमकती रहे आप कि निगाह में.
खुशी कि लहर मिलें हर कदम पर आपको,
देता हे ये दिल दुआ बार–बार आपको.