चारो तरफ़ उजाला पर अँधेरी रात थी
वो जब हुआ शहीद उन दिनों की बात थी
आँगन में बैठा बेटा माँ से पूछे बार-बार
दीपावली पे क्यो ना आए पापा अबकी बार
माँ क्यो न तूने आज भी बिंदिया लगाई है
हैं दोनों हात खाली न महंदी रचाई है
बिछिया भी नही पाँव में बिखरे से बाल हैं
लगती थी कितनी प्यारी अब ये कैसा हाल है
कुम-कुम के बिना सुना सा लगता है श्रृंगार
दीपावली पे क्यों ना आए पापा
किसी के पापा उसको नये कपड़े लायें हैं
मिठाइयां और साथ में पटाखे लायें हैं
वो भी तो नये जूते पहन खेलने आया
पापा-पापा कहके सबने मुझको चिढाया
अब तो बतादो क्यों है सुना आंगन-घर-द्वार
दीपावली पे क्यों ना आए पापा
दो दिन हुए हैं तूने कहानी न सुनाई
हर बार की तरह न तूने खीर बनाई
आने दो पापा से मैं सारी बात कहूँगा
तुमसे न बोलूँगा न तुम्हारी मैं सुनूंगा
ऐसा क्या हुआ के बताने से हैं इनकार
दीपावली पे क्यों ना आए पापा
पूछ ही रहा था बेटा जिस पिता के लिए
जुड़ने लगी थी लकडियाँ उसकी चिता के लिए
पूछते-पूछते वह हो गया निराश
जिस वक्त आंगन में आई उसके पिता की लाश
मत हो उदास माँ मुझे जवाब मिल गया
मकसद मिला जीने का ख्वाब मिल गया
पापा का जो काम रह गया है अधुरा
लड़ कर के देश के लिए करूँगा मैं पूरा
आशीर्वाद दो माँ काम पूरा हो इस बार
दीपावली पे क्यों ना आए पापा
जय हिन्द जय जवान जय किसान
kya Pta Fir Mouka Mile Na Mile
isliae Dil Ko Saf Kar Dena Diwali Se Pahle
kahi Ye Message Humse Pahle Koy Aapko Na Bhej De
isliae Diwali Ki Shubhkamnaae Diwali Se Pahle
happy Depawali Happy Dewali
jra Sa Mushkura Do Diwali Se Pahle
har Gam Ko Bhula Do Dewali Se Pahle
naa Socho Kis Kis Ne Dukh Diya
sabko Maaf Kar Do Dewali Se Pahle
dewali Quotes In Hindi Happy Diwali