भूकम्प शायरी | Bhukamp Shayari | Bhukamp SMS | भूकंप पर शायरी
भूकम्प शायरी | Bhukamp Shayari | Bhukamp SMS | Bhukamp Statusbhukamp par nibandh
भूकंप पर निबंध
तमाम ख़ल्क़-ए-ख़ुदा ज़ेर-ए-आसमाँ की समेट
ज़मीं ने खाई व-लेकिन भरा न उस का पेट
वलीउल्लाह मुहिब
ज़लज़ला आया और आ कर हो गया रुख़्सत मगर
वक़्त के रुख़ पर तबाही की इबारत लिख गया
फ़राज़ हामिदी
ज़लज़ला नेपाल में आया कि हिन्दोस्तान में
ज़लज़ले के नाम से थर्रा उठा सारा जहाँ
कमाल जाफ़री
तमाम ख़ल्क़-ए-ख़ुदा ज़ेर-ए-आसमाँ की समेट
ज़मीं ने खाई व-लेकिन भरा न उस का पेट
वलीउल्लाह मुहिब
ज़लज़ला आया और आ कर हो गया रुख़्सत मगर
वक़्त के रुख़ पर तबाही की इबारत लिख गया
फ़राज़ हामिदी
ज़लज़ला नेपाल में आया कि हिन्दोस्तान में
ज़लज़ले के नाम से थर्रा उठा सारा जहाँ
कमाल जाफ़री
bhukamp shayari in hindi
भूकंप स्पेशल शायरी :
नाज़ां बहुत थे अपनी तरक़्क़ी पे सभी लोग
क़ुदरत की एक झपकी ने औक़ात बता दी
नाज़ां बहुत थे अपनी तरक़्क़ी पे सभी लोग
क़ुदरत की एक झपकी ने औक़ात बता दी
