Poetry Tadka

Bhukamp Shayari

Bhukamp Today In Hindi

मन को मीठा कर क्युकी इस धरा का ...इस धरा पर ...सब धरा रह जाएगा
bhukamp today in hindi

Bhukamp Par Nibandh

भूकंप पर निबंध तमाम ख़ल्क़-ए-ख़ुदा ज़ेर-ए-आसमाँ की समेट ज़मीं ने खाई व-लेकिन भरा न उस का पेट वलीउल्लाह मुहिब ज़लज़ला आया और आ कर हो गया रुख़्सत मगर वक़्त के रुख़ पर तबाही की इबारत लिख गया फ़राज़ हामिदी ज़लज़ला नेपाल में आया कि हिन्दोस्तान में ज़लज़ले के नाम से थर्रा उठा सारा जहाँ कमाल जाफ़री

Shayari On Bhukamp

ना हिन्दू दिखा, ना मुसलमान दिखा घर से भागता बस इंसान दिखा
shayari on bhukamp

Kudrat Ki Jhapki

कुदरत से छेडखानी की सजा मिल रही है  संभल जा इंसान ये धरती यूं ही नहीं हिल रही है

नाज़ बहुत करते थे अपनी तरक़्क़ी पे सभी लोग क़ुदरत की एक झपकी ने औक़ात बता दी

kudrat ki jhapki

Bhukamp Pe Shayari

हिंदी शायरी भूकंप पे शायरी

bhukamp pe shayari