तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है"
ऐतबार है मुझे खुद से खुद के इश्क पर,
ये कभी भी अधूरा नहीं रहेगा !
खुद को खुद ही जीना सिखाया है मैंने,
क्या कहूं कि कैसे गमों को गले लगाया है मैंने ।
तू खुद की खोज में निकल,
तू किस लिए हताश हैं, तू चल,
तेरे वजूद की समय को भी तलाश है !