सभाल कर रख्खी है तेरी यादे जैसे बच्चपन की ईद हो मेरी !!
मुझे खामोश देखकर इतना हैरान क्यों होते हो दोस्तों कुछ नहीं हुआ है बस भरोसा कर के धोखा खाया है
from : Silent Shayari