भरोसा, दुआ, वफ़ा, ख्वाब, मोहब्बत,
कितने नामों में सिमटे हो, सिर्फ एक तुम।
सुना है बहुत शौक़ है आपको हुक्मरानी का,
ये दिल सल्तनत है आपकी बस राज़ कीजिये।
वो लोग कितने खुशनसीब होंगे,
जो तुम्हे रोज देखते होंगे.
मेरी ज़िन्दगी नहीं मेरी जान हो तुम,
ख़ास नहीं बहुत खास हो तुम.
from : Love Shayari