हो जुदाई का शब़ब कुछ भी..!उसे हम अपनी "ख़ता" कहते हैं..!!
वो तो ढली है "साहिल" के सांसो मे..!जाने क्यु लोग उसे मुझसे ज़ुदा कहते हैं..!!
from : Judai Shayari