लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं,
हालत मेरी मुझे लाचार करती हैं,
आँखे मेरी पढ़ लो कभी,
हम खुद कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं
from : Judai Shayari