Shero Shayari
Nsha hum kiya karte hai
नशा हम किया करते है !
इलज़ाम शराब को दिया करते है !
कसूर शराब का नहीं उनका है !
जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है !!
Mai apni subah saam
मैं अपनी सुबह शाम यूँ ही गुजार लेता हूँ !
जो भी ज़ख्म मिलते हैं कागज़ पे उतार लेता हूँ !!
Mai nahi likhta
औरों की तरह 'मैं नहीं लिखता 'डायरियाँ !
बस 'याद आती है तेरी'और 'बन जाती है'शायरिया !!
Pina hmara kaam aagya
बहके कदम तो गिरे उनकी बाँहों मे जा कर !
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया !!