दिल में दद॔ के पुरजे तलाश करती हूँ ! तुम्हारे प्यार के टुकड़े तलाश करती हूँ ! तमाम रात पर्दे हटा के,चाँद के साथ ! जो खो गये हैं, वो लम्हे तलाश करती हूँ !!
from : Pyar Bhari Shayari