वार देता है वो जान भी मुझ पर,इस क़दर लाड़ली हूँ मै उसकी.काश तुम मेरे होते,या फिर ये लफ्ज़ तेरे होते.बहुत याद करता है कोई हमें दिल से,न जाने दिल से ये भ्रम क्यों नहीं जाता.
from : Hindi Shayari