Thanks Shayari Intezar mat karo इन्तजार मत करो जितना तुम सोचते हो ज़िन्दगी उससे कही ज्यादा तेजी से निकल रही है Nafrat kab tak karoge उड़ा भी दो रंजिशे इन हवाओं में यारो छोटी सी ज़िन्दगी है नफरत कबतक करो गे Sath rahte ho यादे बनकर जो तुम साथ रहते हो मेरे इतने अहसान का भी सौ बार शुक्रिया Apni zindagi badal di वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल सके मैंने ना जाने क्यों अपनी ज़िन्दगी बदल दी Prem insan ko प्रेम इन्सान को कभी मुरझाने नहीं देता और नफरत इन्सान को कभी खिलने नहीं देता «123456 »