Shayari Hindi Me
mja aata hai maaf karne me
मेरे हाथों को मालूम है मेरे दुश्मनो के गिरेबानों का पता
चाहूँ तो पकड़ लूँ.. पर मजा आता है माफ करने में

nuksan bhoot hai
यारियाँ ही रह जाती है मुनाफ़ा बन के,
मोहब्बत के सौदों में ...नुक़सान बहोत हैं
sharma ke reh jati
उँगलियों पे दुपट्टा लपेट कर शरमा जाती है वो,
जब उसकी सहेलियाँ मेरा नाम लेकर छेड़ती है
gazab ka hai mera dil
ग़ज़ब का है मेरे दिल मे उसका वजूद ,
मैं खुद से दूर और वो हर पल मुझमे मौजूद