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aukat nahi thi zamane mein
औक़ात नही थी जमाने में जो मेरी कीमत लगा सके ,
कबख़्त इश्क में क्या गिरे, मुफ़्त में नीलाम हो गए

kabhi sath to baitho
कभी साथ बैठो तो कहूँ की क्या हालात है मेरे
अब तुम दूर से पूछोगे तो सब बढ़िया ही कहूँगा

meri aankho me padh lete
मेरी आँखों में पढ़ लेते हैं, लोग तेरे इश्क़ की आयतें
किसी में इतना भी बस जाना अच्छा नहीं होता
