Sad Status
Shiqayat tum se nahi

अब शिकायत तुमसे नहीं खुदसे है !
माना के सरे झूठ तेरे थे लेकिन उनपर यकीन तो मेरा था !!
Di sdaae zindagi ne

दी सदाए ज़िन्दगी ने मै ही सुन नहीं पाया !
ख्वाब आँखों में बहुत थे मगर कोई बुन नहीं पाया !!
Dil ki basti me aaj bhi

उस दिल की बस्ती में आज भी अजीब सन्नाटा है !
जिस में कभी तेरी हर बात पर महफ़िल करती थी !!
Ab ho gya hai aadmi dukan ki trah

अब हो गया है आदमी दुकान की तरह !
बिकता है यह प्यार सामान की तरह !
पहचान भी है मुश्किल मुखोटो के दोर में !
दीखता है बेड़िया भी इन्सान की तरह !!
Na tasveer hai uski

ना तस्वीर है उसकी जो दीदार किया जाए
ना पास है वो जो उससे बात किया जाए
ये कैसा दर्द दिया उस बेदर्द ने
ना उसके बिन रहा जाए ना उसके बिन जिया जाए