बहुत खूबसूरत निशानी एक रखी है मेरे पास तुम्हारी
मेरी किताब मैं बनाया दिल मेरा
और उसपर चलाया हुआ तीर तुम्हारा !!
दो हिस्सों में बंट गए हैं, मेरे दिल के तमाम अरमान !
कुछ तुझे पाने निकले, तो कुछ मुझे समझाने निकले !!
नादान है मेरा दील कैसे समझाऊं
की तु जीसे खोना नहीं चाहता वो तेरा होना नहीं चाहता !!
वो जो हमसे नफरत करते हैं,
हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,
नफरत है तो क्या हुआ यारो,
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं !!
अमीर की बेटी पार्लर में जितना दे आती है !
उतने में गरीब की बेटी अपने ससुराल चली जाती है !!