एक शहरी परिवार मेले में घुमने गये
मेले में अचानक उसका बेटा गुम हो गया
पति पत्नी ने मेले में उसे बहुत दुढ़ते है
पर उनका लड़का नहीं मिलता है
लड़के की माँ जोर जोर से रोंने लगती है
बाद में पुलिश को सुचना देते है
कुछ देर बाद लड़का मिल जाता है
लड़के के मिलते ही लड़के का पिता
गाव का टिकट निकलकर गाव रवाना
हो जाता है तभी पत्नी पूछती है
हम गाव क्यों जा रहे है
अपने घर नहीं जाना है क्या
तभी उसका पति बोला
तू अपनी अवलाद {बेटे} के बिना कुछ पल
नहीं रह सकती वहा मेरी माँ सालो से मेरे
बिना रह रही है मेरी माँ कैसे जी रही होगी
मै ये नहीं कहता की तुम अपने माँ बाप को छोर कर शहर
मत आओं पर जैसे तुम अपने बीवी बच्चो
का ख्याल {खुश} रखते हो अपने माँ बाप
का ख्याल रखो
माँ बाप का दिल दुखा कर कोई खुश
नहीं रह सकता
शख्सियत ए लख्ते-जिगर कहला न सका
जन्नत के धनी पैर कभी सहला न सका
दुध पिलाया उसने छाती से निचोड़कर
मैं निकम्मा कभी 1 ग्लास पानी पिला न सका
बुढापे का सहारा हूँ अहसास दिला न सका
पेट पर सुलाने वाली को मखमल पर सुला न सका
वो भूखी सो गई बहू के डर से एकबार मांगकर
मैं सुकुन के दो निवाले उसे खिला न सका
नजरें उन बुढी आंखों से कभी मिला न सका
वो दर्द सहती रही में खटिया पर तिलमिला न सका
जो हर जीवनभर ममता के रंग पहनाती रही मुझे
उसे दीवाली पर दो जोड़ कपडे सिला न सका
बिमार बिस्तर से उसे शिफा दिला न सका
खर्च के डर से उसे बडे़ अस्पताल ले जा न सका
माँ के बेटा कहकर दम तौडने बाद से अब तक सोच रहा हूँ
दवाई इतनी भी महंगी न थी के मैं ला ना सका
नहीं हो सकता कद तेरा ऊँचा किसी भी माँ से ऐ खुदा… तू जिसे आदमी बनाता है वो उसे इन्सान बनाती है
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घर भर की जिम्मेदारी और पल भर भी आराम नहीं
एक माँ बन पाना किसी आदमी के बस का काम नहीं
😊
कौन कहता है कि फरिश्ते स्वर्ग में
बसते हैंकभी अपनी माँ को ध्यान से देखा हैं
फना करदो अपनी सारी जीन्दगी अपने माँ पापा के कदमो मे दुनीया मे यही एक हस्ती है जिसमे बेवफाई नही होती
सो जाता है वो मालकिन की गालियाँ खा कर !
सबके नसीब में माँ की लोरियाँ नहीं होती !!
ना जाने क्यों फिर भी वो
इतना प्यार करती है मुझसे !
मैंने तो कभी माँ को गुलाब
का फूल भी नहीं दिया !
मुझे महोब्बत है अपने हाथ की सब उगंलीयों से !
ना जाने किस उगंली को पकङ कर माँ ने चलना सिखाया होगा !!
क्या मंदिर, क्या मस्जिद, क्या गंगा की धार करे !
वो घर ही मंदिर जैसा है जिसमे औलाद माँ-बाप का सत्कार करे !!
मेरी पहली मीत मेरा पहला प्यार हो तुम मेरे जीने का और मरने का आधार हो तुम ये दुनियाँ कहती होगी भले ही माँ तुम्हे मगर मेरे लिए तो मेरा पूरा संसार हो तुम
बचने का इन हादसों से हुनर जानता हु !
माँ की दुआ में है कितना असर जानता हु !!
माँ के लिये keya लिखु माँ ने तो खुद मुझे लिखा है !!
बनके_शहज़ादा_दिल_की_हुकुमत_में_रहा !
माँ_तेरी_गोद_में_जब_तक_रहा_जन्नत_में_रहा_ !!
utarne nahi deti aasman se koae preshanimeri maa ki duaaao ne use rok rakkha hai
teez dhoop me bhi safar aasan lagta hai
.ye maa ki duaa ka asar lagta hai
rukhsat ghar se krtiu hai wo lakh duaaae dekr
ma ke dil me mohabbat apne jaisi rakkhi hai
maa se mohabbat kro kyuki ma ki taklif dekhkr khuda ne aabe zamzam bha diya
huaa hai tum se bichadne ke baad ye maloom
tu akeli nahi thi tere sath puri duniya bhi thi
pyari ma mujhko teri duaa chahiae
teri aachal ki dhandi hwa chahiae
mat gussakrna apni maa pe yaro
wo maa ki duaa hi hai jo tumhe hr musibat se bchati hai
puchta hai jab koae ki duniya me mohabbat hai kya
mushkura deta hoo aour yad aajati hai maa
ye kamyabi ye izzat ye naam tum se hai
khuda ne jo diya ye mukam tum se hai
tumhare dam se hai mere ziwan me khile goolab
mere wazood ka nara nizam tum se hai
krte hai galti hum to yuhi bhuladeti hai
hite hai khafa jab hum duniya ko bhula deti hai
maa ki duaa kabhi khali nahi jati
maa ki badduaa kabhi tali nahi jati
pyar kahte hai kise aur mamta kya chiz hai
koae puche unse jinki maa nahi hai
bartan maz maz ke tin char bacche pal leti haimaa
pr tin char beto se ek maa pali nahi jati
wirasat me mile ghar kisi ke hisse me dukan aaae
tamanna meri bas yhai mere hisseme maa aaae
sr pe hath fere to himmat aajaae
ma jo mushkuraae ti jannat mil jaae
maa ki ek duaa zindagi bna degi
khud roaegi mgar tumhe hsa degi
kabhi bhool ke maa ko na stana
ek choti se galti aasman ko hila degi
mai khud ko maa ke naam krta hoon
zinho ne ki zindagi avlad pe nisar
jo maaae hai unko mai slam krta hoon
jha dekhta hoo lafz maa likha
chomta hoo uska ahtram krta hoon
meri zuban ko mil jati ha mithas
jab bhi maa ka klam krta hoo