Intezaar Shayari
Hum to intzaar karte karte

हम तो इन्तेजार करते करते अब मर जायेंगे
कोइ तो आये ऐसा जिन्दगी में जो बेवफा ना हो
Zara si fursat

ज़रा सी फुर्सत निकाल कर हमारा क़त्ल ही कर दो
यूँ तेरे इन्तजार में तड़प-तड़प के मरना हमसे नहीं होता.
Nikle duniya ki

निकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चला
की हर वो शख्स अकेला है जिस जिसे ने मोहब्बत की है
Tumhara intezar hai
तुम पुकार लो, तुम्हारा इन्तज़ार है
ख़्वाब चुन रही है रात, बेक़रार है
तुम्हारा इन्तज़ार है
होंठ पे लिये हुए दिल की बात हम
जागते रहेंगे और कितनी रात हम
मुख़्तसर सी बात है, तुमसे प्यार है
तुम्हारा इन्तज़ार है...