Haryanvi Shayari
Fir Mujhme Bachega Kya
वो जो समझे थे तमाशा होगा। मैंने भी चुप रहके पलट दी बजी।। छोड़ जाने का कोई दुःख नहीं। बस कोई ऐसा था जिससे ये उम्मीद न थी।। मेरी समझ से बाहर है। मेरे अंदर बैठा हुआ सख्स।। तू अगर सुन नहीं पाया तो मेरी तरफ गौर से देखा। बात ऐसी है की दोहराई नहीं जाएगी।।
तुझे खुद से निकाल तो दूँ मगर सोचता हूँ फ़िर मुझमें बचेगा क्या

Hum Khud Pe

Ye Mera Dil Hai Shayari
वादा करके मुकर जाए ऐसा तेरा यार नहीं
ये मेरा दिल है छोरी दिल्ली की सरकार नहीं

Tujhe Hi Dekhne Ki Chahat
पहली ख्वाहिश की बात रहने दो। तुम मेरी आखिरी तमन्ना हो।।
ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी तुझे ही देखने की चाहत रहती है
कितनी खूबसूरत हो जाती है दुनिया। जब तुम कहती हो मुझे तुम याद आ रहे हो।।
हज़ारों का हुजूम है दिल के आस पास। दिल फिर भी धड़कता है एक हे नाम से।।

Zaroota Aur Khwahish Tum Ho

Wo Kitna Meharbaan Tha

Usne Mujhse Kaha
जाते जाते उसने पलट कर मुझ से कुछ यूँ कहा
तुम हमे भूल जाओ हम तो तुम से प्यार सीखने आए थे
Meri Zindagi Mein
कुछ तो तब्दील कर दे ए खुदा मेरी जिंदगी में
किया हमेशा खुशी के लिए तरसता रहूंगा

Kitna Kuch Janta Hoga Wo Sakhs Mere Bare Me

Tu Mere Dil Pe Hath Rakh
तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख
मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना
Jeena Sikha Diya
होता है कभी कभी अफसोस तेरे बदल जाने का भी
मगर तेरी कुछ बातों ने मुझे जीना सिखा दिया
Zindagi Ka Naam
साँसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम
जीने के बावज़ूद भी मर जाते हैं कुछ लोग
Ye Dastoor Kaisa Hai
दिल को तड़पाते हो ये दसतुर कैसा है
बिमारे मोहब्बत का कहना ऐसा है
कौन कहता है तुम चाँद जैसी हो
मैं तो कहता हूँ चाँद तुम जैसा है
Sfar Mohabbat Ka Chalta Rahe
सफ़र मोहब्बत का चलता रहे;
सूरज हर शाम ढलता रहे;
कभी न ढलेगी अपनी दोस्ती की सुबह;
चाहे हर रिश्ता रंग बदलता रहे
Jab Man Karta Hai
जब मन करता है रात मे मीठा खाने का
हम चुपके से उठकर तेरी तस्वीर चूम लेते है
Waqt To Kitna Bhi Sta
वक्त तू कितना भी सता ले हमें लेकिन याद रख
किसी मोड़ पे तुझे भी बदलने पे मजबूर कर देंगे

Teri Mohabbat Ki Hifazat
तेरे मोहब्बत की हिफाजत इस तरह की हमने
जब किसीने मोहब्बत से देखा नजरे झुका ली हमने

Wada Karke Nibhana Bhool Jate Ho
वादा करके वो निभाना भूल जाते हैं
लगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते हैं
ऐसी आदत हो गयी है अब तो उस हरजाई की
रुलाते तो हैं मगर मनाना भूल जाते हैं
Aabad Rhe
कुछ किस्से दिल में कुछ कागजों पर आबाद रहे
बताओ कैसे भूलें उसे जो हर साँस में याद रहे
Log Galtiya Karke
लोग ग़लतियां कर के बदनामी से बच गये
हम चंद ख्वाब देख के भी गुनहगार हो गये
Tumhe Pane Ke Baad
क्यूँ किसी के लिए जान लूटा देते हैं लोग
मुझे मालूम हुआ तुम्हें पाने के बाद
