मैं ठहर गई वो गुज़र गया
वो क्या गुज़रा सब ठहर गया
तुम दिल नही रूह मे उतर गये हो जनाब
तुम्हे भुलने मे दिन नही ज़माने लगेगे
आंखों में ठहर गया थोड़ा-सा पानी
बस यही दी थी उसने मुझे आखिरी निशानी
कास के वो लोट आये मुझसे ये कहने
की तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले
मत दे दुआ किसी को अपनी उमर लगने की
यहाँ ऐसे भी लोग है जो तेरे लिए जिन्दा हैं
कुछ ऎसे हो गए हैइस दौर के रिश्ते
जो आवाज़ तुम न दो तो बोलते वो भी नही
दो रास्ते जिंदगी के दोस्ती और प्यार
एक मस्ती से भरा और दुसरा इल्जाम से
खुदा ने लिखा ही नहीं तुझको मेरी किस्मत में शायद
वरना खोया तो बहुत कुछ था एक तुझे पाने के लिए
ख़्वाबों की तस्वीरों में अब आओ भर लें रंग नया
चाँद समुंदर कश्ती हम तुम ये जल्वे इक साथ कहाँ