Friendship Shayari
Rab ka wasta
नही छोड़ी कमी किसी भी
रिश्ते को निभाने में मैंने कभी...
आने वाले को दिल का रास्ता भी दिया
और जाने वाले को रब का वास्ता भी दिया
Naraz mujh se hoti

मुझे उसकी ये नादान अदा खूब भाती हैं,
नाराज़ मुझसे होती हैं और गुस्सा सबको दिखाती हैं
Kuch sapne hai

इन पलकों में कैद कुछ सपने है
कुछ बेगाने है कुछ अपने है
ना जाने कैसी कशिश है इन ख्यालो में
कुछ लोग दूर होकर भी कितने अपने है