Poetry Tadka

Dil Ki Baat Shayari

Apne Dil Ki Baat Kisi Se Mat Kahana

भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना  यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन जाता है  

apne dil ki baat kisi se mat kahana

Chubhte Hai Dil Ki Baat

टूटे तो बड़े चुभते है क्या काँच क्या रिश्ते

Chubhte Hai Dil Ki Baat

Dil Thak Jate

रिश्ते और रास्ते तब खत्म हो जाते है 

जब पाँव नही दिल थक जाते है

dil thak jate

Jeena Sikha Do

चेहरे की हंसी से गम को भुला दो

कम बोलो पर सब कुछ बता दो

ख़ुद ना रूठो पर सबको हंसा दो

यही राज है जिन्दगी का

जियो और जीना सिखा दो

Dekhne Ki Hasrat

अब तेरी कोई वजह नही यहां रहने की

चल छोड सब को तेरी सरहद आ गई गम सहने की

मैं आपकी नज़रों से नज़र चुरा लेना चाहती हूँ

देखने की हसरत है बस देखते रहना चाहती हूँ

 

Afsana Dil Ka

होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का

शायद नज़रों से वो बात हो जाए

इस उम्मीद से करते हैं इंतज़ार रात का

कि शायद सपनों में ही मुलाक़ात हो जाए

Pyar Ke Chirag Kabhi

कुछ चेहरे भुलाए नहीं जाते

कुछ नाम दिल से मिटाए नहीं जाते

मुलाक़ात हो न हो अय मेरे यार

प्यार के चिराग कभी बुझाए नहीं जाते

Kaash Wo Nagme Hme

काश वो नगमें हमें सुनाए ना होते

आज उनको सुनकर ये आंसू ना आए होते

अगर इस तरह भूल जाना ही था

तो इतनी गहराई से दिल में समाए ना होते।

Bhula Kar Hame Kya Wo

भुला कर हमें क्या वो खुश रह पाएंगे

साथ में नही तो मेरे जाने के बाद मुस्कुरायेंगे

दुआ है खुदा से की उन्हें कभी दर्द न देना

हम तो सह गए पर वो टूट जायेंगे

Wafa Ke Badle Bewafai Na Diya Karo

वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो

मेरी उम्मीद ठुकरा कर इंकार ना किया करो

तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ खो बैठे

जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो

Teri Trah Bdalna Mujhe Bhi Aata Hai

भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत

तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है

नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना

तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है

Tanhai Mere Dil Ko Stati Chali Gayi

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी 

किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी 

महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा प्यार को 

बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी

Aap Ki Hush Ki Tarif Me

आपके हुस्न कि तारीफ में

सोचता हूँ कुछ अल्फाज लिखूं 

लिखा ना हो जो अब तक

किसी ने ऐसा कुछ आज लिखूं 

गीत लिखूं या गजल लिखूं

शायरी लिखूं या कलाम लिखूं 

लिखने को बेचैन हूँ

पर समझ ना आए क्या लिखूं

Log Jalte Rahe Mere

लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर

मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की 

जब जहाँ जो मिला अपना लिया

जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की

Apni Hi Kisi Ada Se Pooch Lo

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यों 

अपने हुस्न की शोखियों से पूछ लो 

चांदनी पड़ी हुई है मंद क्यों 

अपनी ही किसी अदा से पूछ लो

Kya Aasman Dekhta Hai

परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है

ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है

मिला है हुस्न तो इस हुस्न की हिफाज़त कर

संभल के चल तुझे सारा जहान देखता है

Hsane Ke Baad

हंसाने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया

जाने के बाद क्यों बुलाती है दुनिया

जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी है

जो मर जाने के बाद भी जलाती है दुनिया

Wo Chor Ke Chali Gayi

मैंने रब से कहा वो छोड़ के चली गई

पता नहीं उसकी क्या मजबूरी थी

रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं

यह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी

Meri Sanso Me Bikhar Jao

मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा है

बन के रूह मेरे जिस्म में उतार जाओ तो अच्छा है 

किसी रात तेरी गोद में सिर रख कर सो जाओं मैं

उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा है

Dil Se Mitane Aaya Hoon

बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ

ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ

कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को

इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ

Mohabbat Mukaddar

मोहब्बत मुक़द्दर है एक ख्वाब नहीं

ये वो अदा है जिसमे सब कामयाब नहीं

जिन्हें पनाह मिली उन्हें उँगलियों पर गिन लो

मगर जो फना हुए उनका कोई हिसाब नहीं