Poetry Tadka

Damdar Shayari

Zamane Ki Kya Aukat

खुदा ने लिखा ही नही तेरा मेरा साथ
वरना ज़माने की क्या औकात की हमें जुदा करदे.

Numaish Karne Se

नुमाइश करने से चाहत बढ़ नही जाती
मुहब्बत वो भी करते है जो इज़हार तक नही करते

Sab Sath Chaklne Lge

सांस चल रही थी,अकेला चल रहा था
सांस रुक गई तो,सब साथ चल रहे थे

Koi Nahi Tha

कोई नहीं था और ना ही कोई होगा
तुमसे करीब मेरे दिल के तुम ही रहोगे

Yaad Karte Hai

दूर से जब इतना याद करते हैं तुम्हें
सोचो क्या होगा जब हम तुम्हारे करीब होंगे