Nazar Shayari
Dard me Sabar ka Intezaam kar lena
दर्द में सब्र का इंतज़ाम कर लेना !
कोहरे में धूप को सलाम कर लेना !
रात में चाँद के भरोसे न रहना !
शाम को दीये का इंतज़ाम कर लेना !!
Usko bhi kho diya

आँखे खुली जब मेरी तो जाग उठीँ हसरतेँ सारी !
उसको भी खो दिया मैँने.जिसे पाया था ख़्वाब मेँ !!
Milne ki fursat
मैनै मूह को कफन मै छूपा जब लिया !
तब उन्हे मूझसे मिलने की फूरसत मिली !
हाल ऐ दिल मेरा पूछनै जब वो घर से चलै !
रास्ते मे उसे सावरिया की मईत मिली !!
Hum dono
अजीब तरह से नाकाम रहे हम दोनों !
तू मुझे चाह ना सकी,,मैं तुझे भुला ना सका !!
Khwab meri aankhon ke siwa
जाने-अनजाने भूले-बिसरे वापिस यहीं आयेगा
वो ख्वाब है मेरा ......
मेरी आँखों के सिवा कहां जायेगा !!