Nazar Shayari
Mai mushafir hun

मैं मुसाफ़िर हूँ ख़तायें भी हुई होंगी मुझसे !
तुम तराज़ू में मग़र मेरे पाँव के छाले रखना !!
Ye Ishq
पत्थर सा जिगर चाहिए ,साहिबा
ये इश्क है - - -
टूटना है, और टूटते ही जाना है ।
Dard bhari shayari hindi me

निगाहों पे निगाहों के पहरे होते हैं !
इन निगाहों के घाव भी गहरे होते हैं !
न जाने क्यों कोसते है लोग दीवानों को !
बर्बाद करने बाले तो हसीन चेहरे होते हैं !